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लेखनी कहानी -लाइब्रेरी में उस रात , आत्मा को बुलाना पड़ा भारी - डरावनी कहानियाँ

लाइब्रेरी में उस रात , आत्मा को बुलाना पड़ा भारी - डरावनी कहानियाँ

 नमस्कार मित्रो मै पंजाब के धर्मकोट से सिमर संधू फिर से आपके सामने एक डरावना अनुभव पेश करने जा रहा हु | मुझे अपने मित्रो और रिश्तेदारों से उनके भूतहा किस्से सुनने में काफी आंनंद मिलता है तो आज मै आपको मेरी चचेरी बहन का डरावना अनुभव बताने जा रहा हु | उसका नाम जसमीत कौर है और वो मेरे भुवाजी की बेटी है | ये घटना तब की है जब वो कॉलेज में एमएससी की पढाई कर रही थी | वो उस समय वहा के गर्ल्स हॉस्टल में ही रहा करती थी | परीक्षा से पहले वो और उनकी कुछ सहेलिया लाइब्रेरी में पढाई कर रही थी | पढाई करते हुए रात के 12:30 बज चुके थे | उस लाइब्रेरी में वो केवल 6 लडकिया ही थी | लाइब्रेरी में सन्नाटा छाया हुआ था | सारा हॉस्टल एकदम शांत था | तभी उनमे से एक लडकी ने कहा कि बस यार पढ़ पढ़ के बोर हो गए है क्यों ना कोई खेल खेले जिससे दिमाग भी फ्रेश हो जाएगा और नींद भी आ जायेगी | सब उसकी बात से सहमत हो गए | उनमे से एक लडकी जिसका नाम पूजा था बोली कि चलो हम सब किसी आत्मा से बात करते है | ये सब कहकर वो अपने कमरे में गयी और Ouija board लेकर आयी जिसपर A to Z तक alphabet , 0 से 9 तक नंबर और किनारों पर Yes और No लिखा था | पूजा ने बोर्ड के चारो किनारों पर चार मोमबत्तिया जलाई और फिर लाइब्रेरी की सारी लाइट बंद कर दी | फिर उसने सिक्का बोर्ड के बीच में रख दिया | उनमे से दो लडकिया तो डर के मारे अपने कमरे में चली गयी और बाकी चारो ने उस सिक्के पर एक एक अंगुली रख दी | फिर पूजा ने कहा कि कोई डरना मत और यहा से उठना मत वरना आत्मा नाराज हो जायेगी | अब पूजा बोलने लगी अगर यहा पर कोई आत्मा है तो प्लीज हमसे बात करो | लाइब्रेरी में आजीब सा सन्नाटा और अँधेरा छाया हुआ था अचानक लाइब्रेरी में कही से कुछ आवाज़ आयी |उन्होंने सोचा शायद कोई किताब गिरी होगी | उसी समय सिक्का हिला और जसमीत दीदी ने पूछा क्या यहा पर कोई आत्मा है ? तभी छत पर लगा बंद पंखा जोर से हिलने लगा | सभी लडकिया डर गयी लेकिन पूजा ने कहा कि कोई भी लडकी अकेली मत भागना | ऐसा करने से आत्मा उसे नुकसान पंहुचा सकती है | उसके बाद पूजा ने ऊपर देखते हुए कहा कि अगर कोई आत्मा यहा है तो हमसे बात करे | कुछ देर तक सन्नाटा रहा और अचानक सारी मोमबत्तिया बुझ गयी और लाइब्रेरी से कदमो की ठक ठक की आवाज़ आने लगी | सभी लडकिया डर के मारे भाग गयी लेकिन जसमीत दीदी पीछे रह गयी और उनसे दरवाज़ा नहीं खुल रहा था | अचानक उन्हें लगा कि कोई उन्हें पीछे की तरफ खीच रहा है | वो जोर जोर से रोने और चिल्लाने लगी | उनकी आवाज़ सुनकर हॉस्टल की सारी लडकिया जाग गयी और उठ कर लाइब्रेरी की तरफ दौड़ी |हॉस्टल वार्डन और सभी लडकियों ने मिलकर दरवाज़ा खोला और दीदी को बाहर निकाला | इस घटना के बाद उन्हें आज तक लाइब्रेरी के डरावने सपने आते है और वो आज तक उस घटना को नहीं भूली | तो दोस्तों मेरी दीदी के अनुभव को देखकर मुझे ये लगा कि कभी भी किसी आत्मा या प्रेत को परेशान नहीं करना चाहिए |

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